करवा चौथ: आस्था या अंधविश्वास?
गरीबदास जी की वाणी
कहे जो करवाँ चोथ कहानी, दास गधेडी निच्ये जानी।
करे एकादसी संजम सोई, करवा चौथ गधेरी होई।।
आठे, साते करे कंदूरी, सो तो बने नीच घर सूरी।।
अर्थ:
परमात्मा गरीबदास जी कहते हैं –
जो स्त्रियाँ करवा चौथ की कहानी सुनाती हैं या व्रत रखती हैं, काल उन्हें नर्क में डालकर गधे की योनि में भेजता है। वेद-विहीन व्रत और उपवास केवल आत्मा को दुख देने और पाप बढ़ाने का कार्य करते हैं।
वेदों का आदेश
यजुर्वेद (4:11): “व्रतं कृणुत” – व्रत करो, व्रत रखो।
लेकिन वेद बताते हैं कि व्रत का मतलब शरीर को सुखाना या भूखा रहना नहीं, बल्कि असत्य को छोड़कर सत्य को ग्रहण करना है।
यजुर्वेद (1:5):
“अग्ने व्रतपते व्रतं चरिष्यामि… अनृतात् सत्यमुपैमि”
(हे प्रभु! मैं असत्य को छोड़कर सत्य को ग्रहण करता रहूँ, यही मेरा व्रत है।)
अर्थात् – व्रत का मतलब है बुराई को त्यागना और भलाई को अपनाना।
शास्त्रों का प्रमाण
- मनुस्मृति:
“पत्यौ जीवति तु या स्त्री उपवासव्रतं चरेत्, आयुष्यं बाधते भर्तुर्नरकं चैव गच्छति।”
(पति के जीवित रहते उपवास करने वाली स्त्री पति की आयु घटाती है और स्वयं नर्क में जाती है।) - चाणक्य नीति (17:9):
“पत्युराज्ञां विना नारी उपोष्य व्रतचारिणी, आयुष्यं हरते भर्तुः सा नारी नरकं व्रजेत्।”
(पति की आज्ञा बिना उपवास करने वाली स्त्री पति की आयु घटाती है और नर्क में जाती है।) - कबीर साहेब जी:
“राम नाम को छाडिके राखै करवा चौथि,
सो तो हवैगी सूकरी तिन्है राम सो कौथि।”
(जो स्त्री राम-नाम छोड़कर करवा चौथ रखती है, वह अगले जन्म में सूअर बनेगी।)
करवाचौथ और सामाजिक सच्चाई
- क्या पत्नी के भूखे रहने से पति की आयु बढ़ सकती है?
- मुस्लिम, ईसाई, दक्षिण भारत, पूर्वोत्तर भारत में यह व्रत नहीं रखा जाता, तो क्या वहाँ पतियों की आयु कम है?
- यह व्रत महिलाओं पर पारंपरिक दबाव के कारण थोपा गया है।
अनुभव:
- कई महिलाएँ मानती हैं कि यह मजबूरी है।
- अगर पति के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो पत्नी को दोषी ठहराया जाता है कि उसने व्रत नहीं रखा।
- यह अंधविश्वास महिलाओं को मानसिक और सामाजिक बेड़ियों में बाँधता है।
निष्कर्ष
करवा चौथ जैसे व्रत वेदविहीन हैं और केवल महिलाओं को मानसिक गुलामी में बाँधते हैं।
सच्चा व्रत है –
- नशा छोड़ना
- झूठ, चोरी, पाखंड त्यागना
- सच्चे संत से नाम-दीक्षा लेकर सतनाम जपना
सतभक्ति से ही पति-पत्नी दोनों का कल्याण हो सकता है।
