भक्ति का चोर मधु परमहंस
मधु परमहंस को भक्ति के चोर की उपाधि यह वीडियो मधु परमहंस के उपदेशों और उनके दावों की आलोचना करता है। वीडियो में उन्हें “भक्ति का चोर” कहा गया है क्योंकि वह सभी को भक्ति का चोर बताते हैं, जो…
मधु परमहंस को भक्ति के चोर की उपाधि यह वीडियो मधु परमहंस के उपदेशों और उनके दावों की आलोचना करता है। वीडियो में उन्हें “भक्ति का चोर” कहा गया है क्योंकि वह सभी को भक्ति का चोर बताते हैं, जो…
सतलोक की यात्रा: एक आध्यात्मिक मार्ग यह वीडियो संत रामपाल जी महाराज द्वारा सतलोक की यात्रा और उसके लिए भक्ति मार्ग के महत्व को समझाता है। यह यात्रा एक व्यवस्थित आध्यात्मिक प्रक्रिया के रूप में प्रस्तुत की गई है, जिसमें…
पवित्र ऋग्वेद में सृष्टि रचना का प्रमाण पिछला लेख: जानिये अथर्ववेद के अनुसार कैसे हुई सृष्टि रचना पवित्र ऋग्वेद के प्रमाणों के अनुसार, सृष्टि रचना का वर्णन इस प्रकार है। मण्डल 10, सूक्त 90, मंत्र 1 सहस्रशीर्षा पुरूषः सहस्राक्षः सहस्रपात्।…
पवित्र अथर्ववेद में सृष्टि रचना का प्रमाण पिछला लेख: जानिये कैसे हुई परब्रह्म के सात संख ब्रह्मण्डों की स्थापना ? काण्ड नं. 4, अनुवाक नं. 1, मंत्र नं. 1 ब्रह्म जज्ञानं प्रथमं पुरस्त्ताद् वि सीमतः सुरुचो वेन आवः। स बुध्न्या…
ब्रह्म की अपने पिता काल ब्रह्म की खोज और उनकी प्रतिज्ञा जब सृष्टि की रचना का कार्य शुरू हुआ, तो माता दुर्गा ने ब्रह्मा जी को बताया कि उनके पिता अलख निरंजन हैं, लेकिन वे उन्हें कभी दर्शन नहीं देंगे।…
ब्रह्म (काल) की स्वयं को गुप्त रखने की प्रतिज्ञा तीनों पुत्रों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के जन्म के बाद, ब्रह्म ने अपनी पत्नी दुर्गा (प्रकृति) से कहा, “मैं यह प्रतिज्ञा करता हूँ कि भविष्य में मैं किसी को भी अपने वास्तविक…
तीनों गुण क्या हैं? प्रमाणित तथ्यों के साथ वेदों और पुराणों के अनुसार, रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी, और तमगुण शिव जी को कहा गया है। ये तीनों गुण ब्रह्म (काल) और प्रकृति (दुर्गा) से उत्पन्न हुए हैं और…
श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी व श्री शिव जी की उत्पत्ति Previous Post: Next Post: काल (ब्रह्म) ने प्रकृति (दुर्गा) से कहा कि, “अब मेरा कौन क्या बिगाड़ेगा? मनमानी करूँगा।” प्रकृति ने फिर प्रार्थना की, “आप कुछ शर्म करो।…
विष्णु का अपने पिता (काल/ब्रह्म) की प्राप्ति के लिए प्रस्थान व माता का आशीर्वाद पाना इसके बाद प्रकृति ने विष्णु से कहा, “पुत्र, तू भी अपने पिता का पता लगा ले।” तब विष्णु अपने पिताजी काल (ब्रह्म) का पता करते-करते…
आत्माएं काल के जाल में कैसे फंसी? यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और रहस्यमय विषय है कि आखिर हम आत्माएं काल (ज्योति निरंजन) के जाल में कैसे फंस गईं। इसकी शुरुआत तब हुई जब पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर प्रभु) के…