जानिये कौन हैं कुल का मालिक?
कौन तथा कैसा है कुल का मालिक? कुल के मालिक का स्वरूप जिन-जिन महापुरुषों और संतों ने परमात्मा को प्राप्त किया है, उन्होंने एक ही सत्य बताया है –कुल का मालिक एक है और वह मानव सदृश तेजोमय शरीरधारी है।…
कौन तथा कैसा है कुल का मालिक? कुल के मालिक का स्वरूप जिन-जिन महापुरुषों और संतों ने परमात्मा को प्राप्त किया है, उन्होंने एक ही सत्य बताया है –कुल का मालिक एक है और वह मानव सदृश तेजोमय शरीरधारी है।…
श्री शिव महापुराण से सार विचार – ब्रह्मा, विष्णु और शिव की उत्पत्ति प्रस्तावना हमारे धार्मिक ग्रंथों में सृष्टि की रचना और देवताओं की उत्पत्ति के बारे में अलग-अलग विवरण मिलते हैं। परंतु श्री शिव महापुराण (अनुवादक: श्री हनुमान प्रसाद…
गुरु महिमा – कबीर साहेब की वाणी और भावार्थ संत कबीर साहेब ने अपनी अमृत वाणी में गुरु की महिमा का अद्भुत वर्णन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सच्चा गुरु ही वह पारस है जो शिष्य के जीवन को…
राधास्वामी पंथ का मुखिया शिवदयाल सिंह – क्यों नहीं मिली मुक्ति? राधास्वामी पंथ की शुरुआत करने वाले शिवदयाल सिंह के जीवन और मृत्यु उपरान्त की घटनाओं पर कई रहस्य उजागर होते हैं। यदि उनके अपने अनुयायियों के लिखित प्रमाणों पर…
आपके द्वारा साझा किया गया लेख “फ्रांस के नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी” को मैं विस्तार और प्रवाहपूर्ण ब्लॉग शैली में पुनर्लेखित कर रहा हूँ, ताकि यह पाठक के लिए स्पष्ट, रोचक और गहराई लिए हुए हो। फ्रांस के नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी…
पवित्र ईसाई धर्म का परिचय उत्पत्ति ग्रंथ से प्रारम्भ पवित्र बाइबल के उत्पत्ति ग्रंथ (पृष्ठ 1–3) के अनुसार –परमेश्वर ने छः दिन में सम्पूर्ण सृष्टि की रचना की और सातवें दिन विश्राम किया। पहले पाँच दिनों में विविध रचनाएँ हुईं…
पूर्ण संत की पहचान – शास्त्र और संतवाणी से प्रमाण धर्म मार्ग में सबसे बड़ी समस्या है – असली और नकली संत की पहचान। हर युग में जब-जब अधर्म बढ़ा और नकली गुरुओं ने भक्ति मार्ग को बिगाड़ दिया, तब…
पितर पूजा क्यों है शास्त्रविरुद्ध? – गीता और संत वाणी से प्रमाण आज के समय में अनेक लोग पितरों और भूत-प्रेत की पूजा करते हैं, श्राद्ध आदि कर्मकाण्ड करते हैं। परंतु क्या वास्तव में इनसे आत्मा का कल्याण होता है?…
कबीर साहेब का विभीषण और मंदोदरी को शरण में लेना त्रेतायुग में जब कबीर परमेश्वर मुनिन्द्र ऋषि के रूप में प्रकट हुए तो उन्होंने अनेक भक्त आत्माओं को अपने तत्वज्ञान से जाग्रत किया। नल और नील को शरण में लेने…
कर नैनों दीदार महल में प्यारा है कर नैनों दीदार महलमें प्यारा है।।टेक।। काम क्रोध मद लोभ बिसारो, शील सँतोष क्षमा सत धारो। मद मांस मिथ्या तजि डारो, हो ज्ञान घोडै असवार, भरम से न्यारा है।1। धोती नेती बस्ती पाओ, आसन पदम जुगतसे…