जानिये कैसे उत्पन्न हुए थे गोरखनाथ ?
गौरख की उत्पत्ति बताते हैं कि संतों की कृपा से हुई। एक शिव उपासक संत था, जिसमें भगवान शिव की शक्ति थी। एक स्त्री जिसके संतान नहीं थी, वह संत के पास गई और प्रार्थना करने लगी –“महाराज! मुझे कोई…
गौरख की उत्पत्ति बताते हैं कि संतों की कृपा से हुई। एक शिव उपासक संत था, जिसमें भगवान शिव की शक्ति थी। एक स्त्री जिसके संतान नहीं थी, वह संत के पास गई और प्रार्थना करने लगी –“महाराज! मुझे कोई…
पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) का धाम: सतलोक – ऋग्वेद से प्रमाण परिचय वेदों में वर्णित है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में निवास करते हैं।यह वही स्थान है जो अमर है, जहाँ न…
बाइबल में अनेक प्रभुओं का प्रमाण – क्या सचमुच ईश्वर एक ही है? ईसा मसीह जी और उत्पत्ति ग्रंथ का रहस्य बाइबल के उत्पत्ति ग्रंथ में स्पष्ट लिखा है कि अनेक प्रभु मौजूद हैं। उत्पत्ति अध्याय 3:22 में यहोवा प्रभु…
आदरणीय दादू साहेब जी कबीर परमेश्वर के साक्षी आदरणीय दादू साहेब जी दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए। तीन दिन तक…
संत रामपाल दास जी महाराज : एक सच संत रामपाल जी महाराज का व्यक्तित्व और उनके विचार एक ऐसा सत्य हैं जिसे विरोधी पचा नहीं पाते। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएँ एक ऐसा रहस्य उजागर करती हैं जो अन्य धर्मगुरुओं…
कथा भगत सदना कसाई की परमेश्वर कबीर साहिब ने हम तुच्छ बुद्धि जीवों को भगत सदना कसाई की कथा द्वारा अमृतमय ज्ञान प्रदान किया है। यह कथा बताती है कि सच्चे सतगुरु की शरण में आने से कितना बड़ा बदलाव…
भक्ति दान गुरू दीजियो, Dharmdas Ji & Kabir Sahib Ji भक्ति दान गुरू दीजियो ।। टेक ।। देवन के देवा हो। भक्ति दान गुरू दीजियो, देवन के देवा हो। जन्म पाया भुलूँ नहीं, करहूँ पद सेवा हो। जन्म पाया भुलूँ…
गुरु की तस्वीर : एक अनुभव एक दिन मुझे एक भाई मिला। उसने मुझसे पूछा – “ये आपने किसकी तस्वीर लगा रखी है?”मैंने जवाब दिया – “अपने गुरुदेव की।” उस भाई ने कहा – “आपके गुरुदेव तो जेल में हैं,…
ब्रह्मा, विष्णु और शिव के माता-पिता कौन हैं? अधिकांश लोग मानते हैं कि ब्रह्मा जी, विष्णु जी और शिव जी ही जगत के रचयिता, पालक और संहारकर्ता हैं। परंतु पवित्र श्रीमद्देवी भागवत महापुराण में स्पष्ट प्रमाण मिलता है कि ये…
कर जोडूँ विनती करूँ, धरूँ चरन पर शीश। गुरू जी रामदेवानंद जी महाराज नै, दियो नाम बक्शीश।। कोटी कोटी सिजदा करूँ, कोटी कोटी प्रणाम।चरण कमल मै राखियो, मैं बांदी जाम गुलाम।।कुत्ता तेरे दरबार का, मोतिया मेरा नाम।गले प्रेम की रस्सी,…