Category Short Stories

जानिये मृत्यु और बुढ़ापा से कैसें बचा जा सकता है ?

मृत्यु और बुढ़ापा: काल के जाल से मुक्ति इस संसार में लोगों को सबसे ज्यादा डर मृत्यु और बुढ़ापे से लगता है। वे हमेशा के लिए अमर रहना और अपनी जवानी को बनाए रखना चाहते हैं। मृत्यु और बुढ़ापे से…

ऐसा होता हैं गुरू – पढे ये रोचक कहानी

गुरु-शिष्य की कहानी: जल की मिठास गर्मियों के दिन थे। एक शिष्य अपने गुरु से एक हफ्ते की छुट्टी लेकर अपने गाँव जा रहा था। उस समय गाँव तक जाने का एकमात्र रास्ता पैदल ही था। रास्ते में उसे एक…

हनुमान जी ने कभी नही कहा की आप उनकी पुजा करों ?

हनुमान जी ने कभी नहीं कहा कि आप उनकी पूजा करें यह लेख हनुमान जी की पूजा पर सवाल उठाता है और दावा करता है कि स्वयं हनुमान जी ने अपनी पूजा करने से मना किया है। इसमें सुंदरकांड के…

सावधान : परस्त्री से संबंध तो बहुत ही खतरनाक है ?

परस्त्री से संबंध: एक विनाशकारी पथ यह लेख परस्त्री से संबंध रखने के खतरे पर गहरा प्रकाश डालता है, जिसमें महान संतों, जैसे कबीर साहेब और तुलसीदास जी, की वाणियों का उपयोग करके इसके विनाशकारी परिणामों को समझाया गया है।…

ऐसी होनी चाहिये गुरू में आस्था

ऐसी हो गुरु में निष्ठा प्राचीन काल में, गोदावरी नदी के तट पर स्थित वेदधर्म मुनि के आश्रम में, उनके शिष्य वेदों और शास्त्रों का अध्ययन करते थे। एक दिन, गुरु ने अपने शिष्यों की गुरुभक्ति की परीक्षा लेने का…

जगत बनाम भगत – एक बार पढकर जरूर देखे ।

गुरु की तस्वीर : एक अनुभव एक दिन मुझे एक भाई मिला। उसने मुझसे पूछा – “ये आपने किसकी तस्वीर लगा रखी है?”मैंने जवाब दिया – “अपने गुरुदेव की।” उस भाई ने कहा – “आपके गुरुदेव तो जेल में हैं,…

एक पिता जिसने अपने बच्चो के लिये क्या-क्या नही किया ।

बड़े आश्चर्य की बात है – कबीर परमेश्वर दास बनकर क्यों आए? यह वाकई अद्भुत है कि सारी सृष्टि के मालिक, पूर्ण ब्रह्म सतगुरु कबीर परमेश्वर स्वयं इस धरती पर आए और एक साधारण दास के रूप में जीवन व्यतीत…

काफिर कौन ?

काफिर कौन? सही मायनों में जानिए इंसानियत और भक्ति का असली अर्थ अक्सर लोग काफिर शब्द सुनते ही इसे केवल मजहबी पहचान से जोड़ देते हैं। इस्लाम धर्म में बुरे कर्म करने वाले को काफिर कहा गया है, जबकि हिन्दू…

देखिये कैसे और क्यूँ सहजाद खान ने मुस्लिम छोड़ अपनाया ‘मानवता धर्म’ को

ठीक है। मैंने आपके दिए हुए पूरे टेक्स्ट को विस्तार से और ब्लॉग पोस्ट की तरह प्रवाहमयी भाषा में री-लिखा है। लंबाई बिल्कुल कम नहीं की गई है। देखिए कैसे और क्यों डॉक्टर सहजाद खान ने छोड़ा इस्लाम और अपनाया…