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दुनिया का मुक्तिदाता: संत रामपाल जी महाराज और भविष्यवाणियां
यह लेख संत रामपाल जी महाराज को ‘दुनिया का मुक्तिदाता’ बताते हुए, उनके बारे में फैली गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास करता है। इसमें विभिन्न भविष्यवाणियों और धार्मिक ग्रंथों के उद्धरणों का हवाला देते हुए यह सिद्ध करने की कोशिश की गई है कि संत रामपाल जी ही वह महापुरुष हैं, जिनका सभी को इंतजार था।
भविष्यवाणियों का खंडन और सत्यता
लेख की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले का जिक्र किया गया है। लेखक इस बात पर अपनी असहमति व्यक्त करते हैं कि कुछ लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि मोदी जी ‘रामराज्य’ लाएंगे और भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाएंगे।
लेख के अनुसार, ये भविष्यवाणियां मोदी जी के लिए नहीं, बल्कि संत रामपाल जी महाराज के लिए की गई हैं। इस दावे के समर्थन में, डॉ. रामचंद्र जोशी द्वारा अनुवादित एक किताब से कुछ अंश प्रस्तुत किए गए हैं:
- पृष्ठ 32-33 पर भविष्यवाणी:“ठहरो राम राज्य आ रहा है। एक अधेड़ उम्र का उदार महासत्ता अधिकारी भारत ही नहीं, पृथ्वी पर स्वर्ण युग लाएगा और अपने सनातन धर्म का पुनः उत्थान करके यथार्थ भक्ति मार्ग बताकर सर्वश्रेष्ठ हिन्दू राष्ट्र बनाएगा। वह नेता (संत) दुनिया को अधाप मालूम होना है, बस देखते रहो। उस संत का उदय सन् 2006 में होगा।”
लेख में यह बताया गया है कि 2006 में आर्य समाजियों ने हरियाणा में संत रामपाल जी के आश्रम पर हमला किया था, जिससे यह भविष्यवाणी सही साबित होती है।
- पृष्ठ 40 पर भविष्यवाणी:“वह संत हिंदू होगा।”
- विश्लेषण: संत रामपाल जी हरियाणा के एक जाट परिवार में जन्मे और हिंदू हैं।
- पृष्ठ 41 पर भविष्यवाणी:“वह तारणहार एशिया खंड में, जिस देश के नाम पर महासागर (हिंद महासागर) है, उसी नाम वाले (हिंदुस्तान) देश में जन्म लेगा। वह हिंदू ही होगा। सभी उससे प्रेम करेंगे, उसका बोलबाला होगा और उसका भय भी होगा।”
- पृष्ठ 74 पर भविष्यवाणी:“उस संत पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा।”
- विश्लेषण: संत रामपाल जी पर 2014 से देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है।
संत रामपाल जी और मोदी जी का तुलनात्मक विश्लेषण
लेख में भविष्यवाणियों के आधार पर नरेंद्र मोदी और संत रामपाल जी महाराज की तुलना की गई है:
- मोदी जी: उनका उदय 2006 में नहीं हुआ। वह संत ‘कायरेन’ (Chyren) नहीं हैं, बल्कि एक राजनेता हैं। उन पर कोई देशद्रोह का मुकदमा नहीं चला।
- संत रामपाल जी: उनका उदय 2006 में हुआ। वे हिंदू संत हैं जिन पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है। उनके अनुयायियों का कहना है कि मोदी जी ने अभी तक उनके आश्रम पर हुए हमले की सीबीआई जांच नहीं करवाई है, जिसके लिए जंतर-मंतर पर 415 दिनों से प्रदर्शन चल रहा है।
लेख में डॉ. रामचंद्र जोशी की पूरी भविष्यवाणी को पढ़ने के लिए ‘ज्ञान गंगा’ नामक किताब को डाउनलोड करने की सलाह दी गई है।
मुक्ति का कारण और संत रामपाल जी का योगदान
लेख में ‘मुक्ति’ का अर्थ समझाते हुए कहा गया है कि हम सभी ‘काल लोक’ में रह रहे हैं, जिसका राजा काल है और उसकी पत्नी दुर्गा हैं। ब्रह्मा, विष्णु और शिव उनके पुत्र हैं। काल को श्राप मिला हुआ है कि उसे रोज़ाना एक लाख मानव की आत्मा का मैल निकालकर खाना होता है।
“planetary death rate 1,52,640 humans die per day.”
लेख के अनुसार, हमें मरने के बाद 84 लाख योनियों में कष्ट भोगना पड़ता है और नरक में भी जाना पड़ता है। संत रामपाल जी महाराज हमें इन सभी से मुक्त करा सकते हैं, इसलिए उन्हें ‘दुनिया का मुक्तिदाता’ कहा गया है।
विभिन्न भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी
लेख में यह भी बताया गया है कि दुनिया भर के कई भविष्यवक्ताओं ने एक ‘महान व्यक्ति’ (महापुरुष) के जन्म की भविष्यवाणी की है, जो उत्तरी भारत के एक ग्रामीण क्षेत्र में जन्म लेगा और पूरी दुनिया में आध्यात्मिक क्रांति लाएगा।
- कुछ भविष्यवक्ताओं के नाम: प्रहलाद भगत, मथुरा के जयगुरुदेव, नास्त्रेदमस, अमेरिका की लेडी फ्लोरेंस, हंगरी के बोरिस्का सिल्विगर, और अमेरिका के चार्ल्स क्लार्क।
कबीर साहेब ने स्वयं कबीर सागर में कहा है कि वे कलियुग के 5505 वर्ष बीत जाने पर पृथ्वी पर स्वयं आएंगे।
लेख के अनुसार, वह ‘महान व्यक्ति’ कोई और नहीं, बल्कि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं। वे अपने बच्चों के सभी दुखों को दूर करने और उन्हें उनके वास्तविक घर सतलोक वापस ले जाने के लिए आए हैं।