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पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) का धाम: सतलोक – ऋग्वेद से प्रमाण

परिचय

वेदों में वर्णित है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में निवास करते हैं।
यह वही स्थान है जो अमर है, जहाँ न जन्म है न मृत्यु, और जहाँ से सारी सृष्टि की रचना होती है। ऋग्वेद इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देता है।


ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18

संस्कृत मंत्र:
ऋषिमना य ऋषिकृत् स्वर्षाः सहòाणीथः पदवीः कवीनाम्।
तृतीयम् धाम महिषः सिषा सन्त् सोमः विराजमानु राजति स्टुप्।।

भावार्थ:

  • यह मंत्र स्पष्ट करता है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव शिशु रूप में अवतरित होते हैं।
  • कविताओं और वाणी के माध्यम से तत्वज्ञान देते हैं, जिस कारण लोग उन्हें कवि, संत और ऋषि कहने लगते हैं।
  • उनकी रची वाणी ही कबीर वाणी है, जो भक्तों के लिए स्वर्ग तुल्य आनंद देती है।
  • यही परमात्मा तीसरे धाम सत्यलोक की स्थापना करते हैं और वहाँ तेजोमय मानव सदृश शरीर में सिंहासन पर विराजमान हैं।

इससे यह सिद्ध हुआ कि परमात्मा निराकार नहीं, बल्कि साकार और सहशरीर हैं।


तीन धामों का रहस्य

ऋग्वेद में तीन धाम बताए गए हैं –

  1. ब्रह्मलोक – यह काल ब्रह्म (ज्योति निरंजन) का लोक है, जहाँ 21 ब्रह्माण्ड आते हैं।
  2. परब्रह्म का लोक – इसमें सात संख ब्रह्माण्ड आते हैं।
  3. सतलोक (तीसरा धाम) – यह परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् पूर्ण परमात्मा का धाम है। यही असली मुक्ति धाम है, जहाँ से सभी लोकों की रचना होती है।

ऋग्वेद में पूर्ण परमात्मा की महिमा

1. परमात्मा रोग हर सकते हैं और आयु बढ़ा सकते हैं

ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5, सूक्त 163 मंत्र 1-3
इन मंत्रों में बताया गया है कि पूर्ण परमात्मा अपने भक्त की आयु बढ़ाने और किसी भी रोग को नष्ट करने की शक्ति रखते हैं।

2. परमात्मा पाप नष्ट करते हैं

यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में स्पष्ट है कि सच्चे नाम-सुमिरन से किए गए पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
कबीर साहेब जी ने कहा है –
“जबही सत्यनाम हृदय धरयो, भयो पाप को नाश।
मानो चिनगी अग्नि की, परी पुराने घास।।”


सतलोक: अमर धाम

सतलोक वह स्थान है जहाँ –

  • न जन्म है, न मृत्यु,
  • न रोग है, न बुढ़ापा,
  • और भक्त सदा सुख में रहते हैं।

वही परमात्मा कबीर साहेब (कविर्देव) अपने भक्तों को सतनाम और सारनाम का उपदेश देकर सतलोक पहुँचाते हैं।


निष्कर्ष

ऋग्वेद, यजुर्वेद और अन्य पवित्र शास्त्र स्पष्ट करते हैं कि –

  • पूर्ण परमात्मा का नाम कविर्देव / कबीर परमेश्वर है।
  • वे साकार, सहशरीर और तेजोमय हैं।
  • वे तीसरे मुक्ति धाम सतलोक में विराजमान हैं।
  • वही रोग दूर करने वाले, पाप नष्ट करने वाले और अमरता प्रदान करने वाले हैं।

आज वही परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में जगत को वास्तविक ज्ञान दे रहे हैं और सतलोक का मार्ग दिखा रहे हैं।

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