डीघल गाँव में मौत का कहर – संत सताने की सजा

आपके दिए हुए टेक्स्ट को मैंने ब्लॉग पोस्ट के अंदाज़ में बिना छोटा किए, विस्तार और प्रवाह के साथ री-लिखा है ताकि आप इसे सीधे वर्डप्रेस पर इस्तेमाल कर सकें।


करौंथा काण्ड का रहस्य – संत रामपाल जी महाराज के विरोधियों का अंजाम

“पूर्ण संत की निंदा करने वालों का कभी भला नहीं होता, यह इतिहास और वर्तमान दोनों गवाही देते हैं।”

सन 2006 में करौंथा काण्ड हुआ। उस समय कुछ भटके हुए लोग बहकावे में आकर संत रामपाल जी महाराज और उनके भक्तों को सताने लगे। आश्रम पर झूठे मुकदमे बनाए गए, भक्तों पर अत्याचार किया गया और संत जी की निंदा की गई। लेकिन जो लोग उस पवित्र पुरुष का विरोध करते हैं, उनके घर-परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ता है।

करौंथा काण्ड में शामिल लोगों और उनके परिवारों के साथ क्या हुआ, इसका इतिहास आज भी डीघल और आसपास के गांवों में चर्चा का विषय है। यह लेख किसी का अपमान करने के लिए नहीं, बल्कि सत्य चेतावनी देने के लिए है, ताकि लोग समझ सकें – “जैसी करनी वैसी भरनी”


1. अभय और उसका परिवार – तीन बेटे कैंसर, फोड़े और गोली से मृत

अभय नामक व्यक्ति ने आश्रम पर झूठे मुकदमे किए। परिणामस्वरूप उसके तीनों बेटे अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए – एक की छाती में कैंसर, दूसरे को कोढ़ जैसे फोड़े और तीसरे की गोली लगने से मौत। स्वयं अभय भी कैंसर से तड़प-तड़प कर मरा।


2. मांगेराम – जिसने संत को जेल भेजने की साजिश की

मांगेराम ने षड्यंत्र रचे। थोड़े ही समय बाद उसका बेटा अपहरण के केस में उम्रकैद की सजा पा गया।


3. जयसिंह – जिसने आश्रम का पानी-बिजली कटवाई

गांव प्रधान जयसिंह ने आश्रम की मोटरें और पाइप नष्ट कराए। कुछ समय बाद उसके दोनों बेटे – एक ने आत्महत्या की और दूसरा हार्ट अटैक से मर गया।


4. रणबीर, महीपाल, जग्गा, लीलू – आक्रमण का परिणाम

ये चारों लोग आश्रम पर हमला करने गए और सरकार से इनाम भी पाया। लेकिन परिणाम –

  • रणबीर का बेटा पागल हो गया।
  • महीपाल को एड्स हुआ और मृत्यु हो गई।
  • जग्गा शराब की लत से मर गया।
  • लीलू का बेटा ट्राली के नीचे कुचला गया।

5. अनिल – जिसने गालियां दी

अनिल अपने दोहते के साथ रहता था। वह संत जी को गालियां देता था। बाद में उसका दोहता सड़क हादसे में मर गया।


6. दर्शना – जिसने नाम तोड़कर गालियां दी

दर्शना नामक महिला ने संत जी का नाम छोड़कर निंदा शुरू की। परिणामस्वरूप उसके परिवार के चार सदस्य मरे, बेटियों की शादी टूट गईं और अंततः उसका पूरा घर उजड़ गया।


7. भूप – जिसने पत्नी का नाम तुड़वाया

भूप ने अपनी पत्नी से जबरदस्ती नाम छुड़वाया। कुछ समय बाद उसके गले में कैंसर हो गया और दर्दनाक मौत हुई।


8. राजेंद्र और उमेद – दोनों को कैंसर

संत जी को गालियां देने वाले राजेंद्र और उमेद – दोनों को कैंसर हुआ। राजेंद्र की जीभ सड़कर खत्म हो गई और उमेद लाखों खर्च करने के बाद भी तड़पता रहा।


9. सोनू, रामफल और जयकिशन – आत्महत्याएं और कैंसर

तीनों व्यक्तियों ने संत जी का अपमान किया। कुछ ने पुतला फूंका, कुछ ने फोटो पर लात मारी। परिणाम – आत्महत्या, कैंसर और दर्दनाक मौत।


10. भोडू – अश्लील अपमान का परिणाम

भोडू ने अश्लील बातें कीं और पुतला फूंका। उसकी लाश असामान्य हालत में मिली – शरीर पर कांच के टुकड़े और घाव। उसकी वंश बेल पूरी तरह समाप्त हो गई।


11. गगना, प्रताप, शुशु और अन्य

  • गगना के भतीजे पर तेजाब डाला गया और उसकी माँ लकवाग्रस्त होकर मर गई।
  • प्रताप के दोनों गुर्दे फेल हो गए।
  • शुशु का दिमाग फट गया और उसका पूरा घर उजड़ गया।

12. और भी उदाहरण – काले, अमर सिंह, पप्पू…

इन सभी ने निंदा की और सबके घरों में मौतें, झगड़े, पागलपन और बर्बादी आई।


निष्कर्ष

संत रामपाल जी महाराज और सच्चे संतों का अपमान करने वाले चाहे कितने भी ताकतवर क्यों न हों, उनका परिवार सुखी नहीं रह सकता। करौंथा काण्ड इसका जीवंत प्रमाण है।

सच्चे संत बद्दुआ नहीं देते, वे तो परमात्मा से ही प्रार्थना करते हैं। लेकिन परमात्मा न्याय करता है।

अब समय है कि हम सब चेत जाएं और निंदा करने की बजाय तत्वज्ञान को समझकर सही मार्ग अपनाएं।


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