जानिये कौन हैं पूर्ण परमात्मा

आपके दिए हुए चारों बिंदुओं को मैं ब्लॉग की शैली में विस्तृत, प्रवाहमयी और प्रमाणयुक्त रूप में लिख देता हूँ ताकि यह सीधा आपके वर्डप्रेस पर डाला जा सके।


वेदों में प्रमाण – कौन है पूर्ण परमात्मा?

सनातन धर्म के चारों वेदों में स्पष्ट प्रमाण मिलता है कि पूर्ण परमात्मा (सतपुरुष कबीर साहेब जी) ही सर्वशक्तिमान हैं। वे ही जीवों की आयु बढ़ा सकते हैं, असाध्य रोगों को नष्ट कर सकते हैं, पापों का क्षय कर सकते हैं और वे ही साकार व सहशरीर हैं। आइए प्रमाणों को विस्तार से समझें –


1. पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकते हैं और रोग नष्ट कर सकते हैं – ऋग्वेद

ऋग्वेद मंडल 10, सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5, सूक्त 163 मंत्र 1–3
इन मंत्रों में वर्णन है कि परमात्मा कृपा करके जीव की आयु बढ़ा सकता है और हर प्रकार के रोग को नष्ट करने में समर्थ है।

अर्थात् परमात्मा केवल सांसारिक भोग ही नहीं देता बल्कि साधक के जीवन की रक्षा भी करता है। उसकी भक्ति करने वाले को अकाल मृत्यु और असाध्य रोग नहीं घेर सकते।


2. परमात्मा पापों को नष्ट कर सकता है – यजुर्वेद

यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13
इसमें लिखा है कि परमात्मा साधक के सभी पापों को समाप्त कर देता है।

कबीर साहेब ने भी यही कहा है –

कबीर, जबही सत्यनाम हृदय धरयो, भयो पाप को नास।
मानौं चिनगी अग्निकी, परी पुराने घास।।

अर्थात् जैसे सूखी घास पर चिंगारी पड़ते ही तुरंत जल जाती है, उसी प्रकार सत्यनाम से साधक के जन्म-जन्मांतरों के पाप भस्म हो जाते हैं।


3. परमात्मा साकार और सहशरीर है – यजुर्वेद और ऋग्वेद

  • यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1, 6, 8
  • यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15
  • यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39
  • ऋग्वेद मंडल 1 सूक्त 31 मंत्र 17
  • ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 86 मंत्र 26, 27
  • ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1–3

इन सभी मंत्रों में प्रमाण है कि परमात्मा निराकार नहीं, बल्कि मानव-सदृश तेजोमय शरीर वाला है।
वह राजा के समान दर्शन योग्य है और अपने भक्तों को प्रत्यक्ष दर्शन देता है।


4. वास्तविक गायत्री मंत्र – यजुर्वेद

यजुर्वेद अध्याय 36 मंत्र 3

भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं ।  
भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो नः प्रचोदयात्।।
  • इस मंत्र में परमात्मा की स्तुति है कि “हम उस सर्वश्रेष्ठ परमेश्वर के तेज का ध्यान करें जो हमारी बुद्धि को शुद्ध करे।”
  • इसमें कहीं भी “ॐ” का उल्लेख नहीं है। बाद में अज्ञानियों ने अपनी कल्पना से “ॐ” जोड़ दिया, जबकि वेद इसे प्रमाणित नहीं करते।

निष्कर्ष

  • वेद बताते हैं कि परमात्मा साकार और अविनाशी है।
  • वही जीवों की आयु बढ़ाने वाला और रोग-निवारण करने वाला है।
  • वही पापों का नाश कर सकता है।
  • वही वास्तविक गायत्री मंत्र का अधिकारी है।

आज उसी परमात्मा कबीर साहेब ने आकर हमें सही मार्ग दिखाया है।
सच्चा संत वही है जो वेदों और गीता के आधार पर परमात्मा तक पहुँचने की साधना बताता है।


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