
बाइबिल और कुरान में सृष्टि रचना का प्रमाण
पवित्र बाइबिल और कुरान शरीफ, दोनों ही ग्रंथ सृष्टि के रचयिता और उसके स्वरूप का प्रमाण देते हैं। कुरान शरीफ में बाइबिल का भी ज्ञान समाहित है, और इसलिए ये दोनों पवित्र ग्रंथ मिलकर सृष्टिकर्ता, उसके रूप और उसके वास्तविक नाम को प्रमाणित करते हैं।
पवित्र बाइबिल में सृष्टि का वर्णन
पवित्र बाइबिल के उत्पत्ति ग्रंथ (पृष्ठ 2, अध्याय 1.20 – 2.5) में सृष्टि के छह दिनों के कार्य का वर्णन है।
छठा दिन: प्राणी और मनुष्य
परमेश्वर ने अन्य प्राणियों की रचना के बाद कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप और अपनी समानता में बनाएँ, जो सभी प्राणियों पर अधिकार रखेगा।” फिर परमेश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप के अनुसार बनाया, नर और नारी के रूप में सृष्टि की। इस दौरान, परमेश्वर ने मनुष्य के भोजन के लिए केवल बीज वाले पौधे और बीज वाले फल प्रदान किए, मांस का सेवन करने का आदेश नहीं दिया।
सातवाँ दिन: विश्राम का दिन
परमेश्वर ने छह दिनों में संपूर्ण सृष्टि की रचना की और सातवें दिन विश्राम किया।
यह वर्णन सिद्ध करता है कि परमात्मा का रूप मनुष्य के समान है, जिसने छह दिनों में सृष्टि की रचना कर सातवें दिन विश्राम किया।
पवित्र कुरान शरीफ में सृष्टि का वर्णन
पवित्र कुरान शरीफ के सूरत फुर्कानि (25) में भी सृष्टि के रहस्य का उल्लेख है।
आयत 52:
“फला तुतिअल् – काफिरन् व जहिद्हुम बिही जिहादन् कबीरा (कबीरन्)।।”
यह आयत हजरत मुहम्मद के खुदा (प्रभु) द्वारा कही गई है। इसमें कहा गया है कि, “हे पैगंबर! आप काफिरों (जो एक प्रभु की भक्ति छोड़कर अन्य देवी-देवताओं की पूजा करते हैं) का कहा मत मानना। क्योंकि वे लोग कबीर को पूर्ण परमात्मा नहीं मानते। आप मेरे दिए इस कुरान के ज्ञान के आधार पर अटल रहना कि कबीर ही पूर्ण प्रभु है और उसके लिए संघर्ष करना (लड़ना नहीं)।”
आयत 58:
“व तवक्कल् अलल् – हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा (कबीरा)।।”
इसका भावार्थ है कि हजरत मुहम्मद का अल्लाह किसी अन्य पूर्ण प्रभु की ओर संकेत कर रहा है, “ऐ पैगंबर, उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रखो, जो तुम्हें एक जीवित महात्मा के रूप में मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है, बल्कि अविनाशी है। उसकी महिमा का गुणगान करो, क्योंकि वह कबीर अल्लाह (कविर्देव) पूजा के योग्य है और अपने भक्तों के सभी पापों को नष्ट करने वाला है।”
आयत 59:
“अल्ल्जी खलकस्समावाति वल्अर्ज व मा बैनहुमा फी सित्तति अय्यामिन् सुम्मस्तवा अलल्अर्शि अर्रह्मानु फस्अल् बिही खबीरन् (कबीरन्)।।”
इस आयत में कुरान शरीफ बोलने वाले प्रभु ने हजरत मुहम्मद से कहा कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन और आसमान के बीच मौजूद हर चीज़ की रचना छह दिनों में की। उसके बाद वह सातवें दिन अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो गया। उस परमात्मा के बारे में सही जानकारी किसी तत्वदर्शी संत (बाखबर) से पूछो।
निष्कर्ष
ये दोनों पवित्र ग्रंथ मिलकर यह प्रमाणित करते हैं कि सृष्टि का रचयिता, पापों को नष्ट करने वाला, सर्वशक्तिमान और अविनाशी परमात्मा मनुष्य के सदृश शरीर में है और सत्यलोक में निवास करता है। उसका नाम कबीर है, जिसे अल्लाह-हु-अकबर भी कहा जाता है।
परमेश्वर कबीर जी ने कहा है,
“बेद कतेब झूठे नहीं भाई, झूठे हैं जो समझे नाहिं।”
इसका अर्थ है कि पवित्र वेद और कतेब (कुरान, जबूर, तौरात, इंजिल) गलत नहीं हैं, बल्कि वे लोग नादान हैं जो इन्हें ठीक से समझ नहीं पाए।
