संत रामपाल जी महाराज vs श्री ज्ञानानंद जी महाराज


संत रामपाल जी महाराज बनाम श्री ज्ञानानंद जी महाराज: गीता पर ज्ञान चर्चा

यह लेख 16 नवंबर 2016 के एक घटनाक्रम पर आधारित है, जिसमें संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा हरियाणा सरकार पर गीता जयंती की आड़ में गीता का अपमान करने का आरोप था। इसके साथ ही, लेख में संत रामपाल जी महाराज और श्री ज्ञानानंद जी महाराज के बीच गीता के ज्ञान पर खुली बहस की चुनौती दी गई है।

प्रदर्शन और विवाद का केंद्र

16 नवंबर 2016 को, संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया।

  • हरियाणा में: अनुयायियों ने हरियाणा सरकार पर गीता जयंती के दौरान गीता का अपमान करने का आरोप लगाया।
  • उत्तर प्रदेश में: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में भी अनुयायियों ने सीबीआई जांच की मांग उठाकर इस मुद्दे को हवा दी।

इस दोतरफा हमले से हरियाणा सरकार मुश्किल में आ गई थी। जिस संत (रामपाल जी महाराज) को देशद्रोही घोषित किया गया था, वह कैसे गीता के ज्ञान को सही बता सकता है? वहीं, दूसरी ओर, जांच में यह भी साफ हो गया था कि श्री ज्ञानानंद जी महाराज सहित अन्य संतों द्वारा अनुवादित गीता में भी कई खामियाँ थीं।

जब एक अखबार ने श्री ज्ञानानंद जी महाराज से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने सीधा उत्तर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह गीता का अनुवाद बहुत पहले किया गया था और कई संतों ने इसकी सराहना भी की है।

लेख में इस पर सवाल उठाया गया है कि क्या इसका मतलब यह है कि ये संत गलत अनुवाद करके एक-दूसरे की सराहना करते रहें और भक्त समाज को भ्रमित करते रहें?


ज्ञान चर्चा की चुनौती

लेख में कहा गया है कि यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि श्री ज्ञानानंद जी महाराज हरियाणा के मुख्यमंत्री के पूज्य गुरुदेव हैं, और इसलिए उनकी जवाबदेही बनती है। लेख में आरोप लगाया गया है कि उनका अनुवाद न तो शब्दकोष से मेल खाता है और न ही मूल पाठ से।

लेख में सीधे तौर पर श्री ज्ञानानंद जी महाराज से यह सवाल पूछा गया है:

“हमारा सवाल आपसे ये है कि क्या आप संत रामपाल जी महाराज से गीता के ज्ञान पर ज्ञान चर्चा करने को तैयार हैं? गीता जयंती पर लाइव टीवी के माध्यम से पूरे देश को अपनी सराहना करने का मौका अवश्य दें।”

यह लेख पाठकों को एक टीवी चैनल के माध्यम से हुई इस ज्ञान चर्चा को देखने का आग्रह करता है और उन्हें यूट्यूब पर संबंधित वीडियो देखने के लिए चैनल को सब्सक्राइब करने की सलाह देता है।

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