भक्ति का चोर मधु परमहंस

मधु परमहंस को भक्ति के चोर की उपाधि

यह वीडियो मधु परमहंस के उपदेशों और उनके दावों की आलोचना करता है। वीडियो में उन्हें “भक्ति का चोर” कहा गया है क्योंकि वह सभी को भक्ति का चोर बताते हैं, जो उनके अनुसार सही नहीं है। वह कबीर सागर की किताबें पढ़ते हैं और दावा करते हैं कि सतगुरु किताबों से नहीं, बल्कि अनुभव से सिखाते हैं। [00:07]

सतगुरु की पहचान और मधु परमहंस का खंडन

  • मधु परमहंस का मानना है कि सतगुरु वह है जो अमरलोक से आया हो, न कि वह जो किताबों से पढ़कर ज्ञान दे।
  • वह उन संतों की आलोचना करते हैं जो भक्तों को नाम जाप करने के लिए कहते हैं और उन्हें पाखंडी मानते हैं। [00:35]
  • मधु परमहंस का दावा है कि उनके पास जो वस्तु है, वह ब्रह्मांड में किसी के पास नहीं है।
  • वह नाम जाप करने की आवश्यकता को नकारते हैं और कहते हैं कि गुरु ही भक्तों को पार कराएगा। [05:05]

कबीर के ज्ञान पर चर्चा

वीडियो के अनुसार, कबीर के ज्ञान में सतगुरु उसी को पार कराएगा जो सतनाम का जाप करेगा।

  • सतनाम को सच्चा नाम कहा गया है और सार शब्द और सार नाम को एक ही बताया गया है।
  • सतनाम में दो अक्षर होते हैं: एक ओम और दूसरा गुप्त।
  • यह नाम धर्मदास जी को भी दिया गया था, जैसा कि गुरु नानक देव जी की वाणी में भी उल्लेख है। [06:11]

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