
आपके द्वारा साझा किया गया लेख “फ्रांस के नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी” को मैं विस्तार और प्रवाहपूर्ण ब्लॉग शैली में पुनर्लेखित कर रहा हूँ, ताकि यह पाठक के लिए स्पष्ट, रोचक और गहराई लिए हुए हो।
फ्रांस के नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी और मानव धर्म का उदय
नास्त्रेदमस की 450 वर्ष पुरानी भविष्यवाणी
महान भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने लगभग 450 साल पहले अपनी भविष्यवाणियों में लिखा था कि –
“ठहरो, राम राज्य आने वाला है। एक उधेड़ उम्र का अजोड़ महापुरुष भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में स्वर्ण युग की स्थापना करेगा। उसके नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा। भारत को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र का दर्जा प्राप्त होगा।”
नास्त्रेदमस ने संकेत दिया कि –
- यह महापुरुष उस देश में जन्म लेगा जिसके तीन तरफ समुद्र होंगे। वह देश हिन्द महासागर के नाम पर होगा (भारत/हिन्दुस्तान)।
- उस राज्य से पाँच नदियाँ गुजरती होंगी (प्राचीन पंजाब, जिसमें 1966 से पहले हरियाणा भी सम्मिलित था)।
- यह महापुरुष उत्तरी भारत के एक छोटे से गाँव में जन्म लेगा।
यह भविष्यवाणी स्पष्ट करती है कि यह महापुरुष पंजाब-हरियाणा क्षेत्र से सम्बंधित होगा, न कि गुजरात या दक्षिण भारत से।
भारत का मुक्ति दाता (2001–2034)
भविष्यवाणी के अनुसार 2001 से 2034 तक भारत में एक ऐसे महापुरुष का नेतृत्व होगा –
- जिसकी शुरुआत में लोग आलोचना और नफ़रत करेंगे।
- बाद में वही लोग उस महापुरुष से असीम प्रेम करने लगेंगे।
- उस महापुरुष पर हमला होगा, जिसमें छह लोग मारे जाएँगे।
- उसे देशद्रोह के आरोप में जेल भी जाना पड़ेगा।
यह सभी लक्षण एक ही व्यक्ति की ओर संकेत करते हैं – सतगुरु रामपाल जी महाराज।
कबीर साहेब की भविष्यवाणी
कबीर परमेश्वर ने भी भविष्यवाणी की थी –
“जब आयेगा बीसवें बीसा (2020),
ना रहेगा ईसा, ना रहेगा मूसा,
राज करेगा जगदीशा।”
अर्थात् 2020 से आगे ईसाई और मुसलमान आपस में बड़े युद्ध करेंगे। ये दोनों धर्म बाबा आदम की संतान हैं –
- आदम से आगे ईसा हुए जिनसे ईसाई धर्म चला।
- आदम से ही आगे मूसा हुए, और फिर हजरत मुहम्मद हुए जिनसे मुसलमान धर्म चला।
इन दोनों धर्मों के अनुयायी सबसे अधिक हैं, और अपने धर्म को श्रेष्ठ मानकर कट्टरता में टकराव करेंगे। नतीजा – तीसरा विश्व युद्ध।
तीसरे विश्व युद्ध के बाद
कबीर साहेब बताते हैं कि –
- इस युद्ध में लगभग सभी धर्मों के लोग भारी हानि उठाएँगे।
- केवल एक धर्म निरंतर बढ़ता जाएगा और युद्ध के बाद महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा।
- यह धर्म होगा मानव धर्म, जिसमें सभी धर्मों के लोग वैसे ही मिल जाएँगे जैसे नदियाँ समुद्र में जाकर मिलती हैं।
मानव धर्म और परमेश्वर की कृपा
कबीर साहेब ने स्पष्ट कहा –
“जीव हमारी जाती है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई – धर्म नहीं कोई न्यारा।”
यानी असली धर्म केवल मानव धर्म है, जो तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के नेतृत्व में स्थापित होगा। इस पर कबीर परमेश्वर की विशेष कृपा होगी।
जिस प्रकार मथुरा में इन्द्र के कोप से कृष्ण जी ने व्रजवासियों को बचाया था, उसी प्रकार अब जब काल-ब्रह्म महाविनाश करेगा तो केवल पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब ही अपने अनुयायियों को बचाएँगे।
निष्कर्ष
- नास्त्रेदमस की 450 वर्ष पुरानी भविष्यवाणी और कबीर साहेब की वाणी आज एक ही दिशा की ओर इशारा कर रही है।
- आने वाले समय में सभी धर्म-पंथ समाप्त होकर केवल मानव धर्म शेष रहेगा।
- इस धर्म की स्थापना और प्रचार-प्रसार सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा होगा।
- यही धर्म पूरे विश्व को एक सूत्र में बाँधकर स्वर्ण युग की शुरुआत करेगा।
